hanuman chalisa for Dummies
hanuman chalisa for Dummies
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You may additionally desire to pay attention to the Hanuman Chalisa on-line below in MP4 audio structure. Below Each individual chaupai and that means would be the Hanuman Chalisa MP4 audio file, which can be listened to later on, at your usefulness.
व्याख्या – श्री रामचन्द्र जी ने हनुमान जी के प्रति अपनी प्रियता की तुलना भरत के प्रति अपनी प्रीति से करके हनुमान जी को विशेष रूप से महिमा–मण्डित किया है। भरत के समान राम का प्रिय कोई नहीं है, क्योंकि समस्त जगतद्वारा आराधित श्री राम स्वयं भरत का जप करते हैं
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥१॥ राम दूत अतुलित बल धामा ।
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सुग्रीव बालि के भय से व्याकुल रहता था और उसका सर्वस्व हरण कर लिया गया था। भगवान् श्री राम ने उसका गया हुआ राज्य वापस दिलवा दिया तथा उसे भय–रहित कर दिया। श्री हनुमान जी ने ही सुग्रीव की मित्रता भगवान् राम से करायी।
Noticing this, Tulsidas altered his technique. He begun the hymn by praising Lord Rama and asking for his blessings, although however honoring Hanuman in the remainder of the verses. In this way, he revered Hanuman’s choice for Rama’s praise and developed a hymn that matched Hanuman’s humble nature.[33]
Numerous courtroom officers, perplexed, had been angered by this act. Hanuman replied that rather then needing a gift to keep in mind Rama, he would normally be in his heart. Some court officers, even now upset, requested him for proof, and Hanuman tore open his chest, which experienced an image of Rama and Sita on his heart.
The Hindu deity to whom the prayer is tackled is Hanuman, an ardent devotee of Rama (the seventh avatar of Vishnu) and a central character within the Ramayana. A here normal One of the vanaras, Hanuman was a warrior of Rama during the war in opposition to the rakshasa king Ravana.
बिकट रूप धरि लङ्क जरावा ॥९॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
व्याख्या – श्री हनुमान जी अष्ट–सिद्धियों से सम्पन्न हैं। उनमें सूक्ष्मातिसूक्ष्म एवं अति विस्तीर्ण दोनों रूपों को धारण करने की विशेष क्षमता विद्यमान है। वे शिव (ब्रह्म) का अंश होने के कारण तथा अत्यन्त सूक्ष्म रूप धारण करने से अविज्ञेय भी हैं ‘सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञेयम्‘ साथ ही काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, अहंकार, दम्भ आदि भयावह एवं विकराल दुर्गुणों से युक्त लंका को विशेष पराक्रम एवं विकट रूप से ही भस्मसात् किया जाना सम्भव था। अतः श्री हनुमान जी ने दूसरी परिस्थिति में विराट् रूप धारण किया।
You flew toward the Solar that's thousands of a long time of Yojanas absent, pondering him as being a sweet fruit.
भावार्थ – आपने अत्यन्त विशाल और भयानक रूप धारण करके राक्षसों का संहार किया और विविध प्रकार से भगवान् श्री रामचन्द्रजीं के कार्यों को पूरा किया।
बालाजी आरती
Possessing polished the mirror of my heart While using the dust of my Expert’s lotus toes, I recite the divine fame of the greatest king of Raghukul dynasty, which bestows us Along with the fruit of many of the 4 efforts.